हज़रत इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम शहीदों के सरदार हैं तो हज़रते मौला अब्बास अलमदार वफ़ा के:सूफी कौसर मजीदी

पुणे।महाराष्ट्र के पुणे स्थित प्रसिद्ध सूफी संत हज़रत क़मर अली दुर्वेश रहमतुल्लाह अलैह के आस्ताने पर सूफी ख़ानक़ाह एसोसिएशन के द्वारा चादर पेश की गई और मुल्क ओ मिल्लत की सलामती की दुआ की गई।
हज़रत इमाम हुसैन और उनके भाई हज़रत मौला अब्बास के जन्मदिन समारोह को सूफी ख़ानक़ाह एसोसिएशन के द्वारा कमर अली दुर्वेश रहमतुल्लाह अलैह के आस्ताने पर मनाया गया।
इस अवसर पर राष्ट्रीय अध्यक्ष सूफी मोहम्मद कौसर हसन मजीदी ने कहा कि हज़रत इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम शहीदों के सरदार हैं तो हज़रते मौला अब्बास अलमदार वफ़ा के सरदार हैं जिनकी वफ़ा और मोहब्बत का अंदाज़ा सिर्फ़ इस बात से लगाया जा सकता है सारा इख्तियार हासिल कर लेने के और कई रोज़ की प्यास के बाद भी पानी को लबों तक न लगाया क्योंकि उनके इमाम हज़रत इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम ने पानी नोश नहीं फरमाया था,इन दोनों अज़ीम बुजुर्गों के जन्मदिन के समारोह को सच्चे हुसैनी हज़रत क़मर अली दुरवेश के आस्ताने पर मनाना सूफी ख़ानक़ाह एसोसिएशन के लिए सौभाग्यशाली है।
सूफी संतों की महानता के बारे में बताते हुए राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष पीर सूफी सय्यद ख़ालिद नक़वी अल हुसैनी ने कहा कि देश को जोड़ने में सूफी संतों ने बड़ा योगदान दिया है इन संतों ने सदैव हिन्दू मुस्लिम एकता के लिए काम किया है,बिना किसी भेदभाव के इंसानियत की ख़िदमत सूफी संतों का स्वभाव रहा है।
राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सय्यद इरशाद अशरफी ने कहा कि आज के माहौल में देश को सूफी संतों की शिक्षा की ज़रुरत है ताकि अमन ओ अमान का माहौल बना रहे देश का विकास जभी सम्भव है जब देश मे हिन्दू मुस्लिम एकता स्थापित होगी।
इस अवसर पर दुआ की गई कि मुल्क में अमन ओ अमान कायम हो और देश की तरक्की और खुशहाली के साथ साथ आतंकवाद और आतंकवाद को बढ़ावा देने वाली ताकतों से मुक्ति की दुआ की गयी।
इस अवसर पर प्रमुख रूप से यूथ ज़िला उपाध्यक्ष ज़ैनुद्दीन आशिकान मदार वरिष्ठ पत्रकार अफसर अली हाशमी,उमर फैज़ुद्दीन शेख़ आदि उपस्थित रहे।