क्या हम लोग चाहते हैं मुल्क के अंदर हिंदू/मुसलमान लढे ?

जाकिर हुसैन – 9421302699
हमारे देश के अंदर मस्जिद और मंदिर को लेकर एक बहोत ही बुरी राजनीति खेली जा रही है. जो आज आम आदमी समझ नहीं पा रहा है. कुछ मेरे हिंदू भाई नारा लगा रहे हैं कि मंदिर वहीं बनाएंगे और कुछ मेरे मुसलमान भाई कहते हैं कि हम मस्जिद बनाएंगे. मैं हिंदू भाईयो से ये पूछना चाहूंगा क्या वो लोग मंदिर बनाकर रामचंद्रजी को राजी कर लेंगे, जिसपर हजारों बेगुनाहो का खुन बहाया गया हो. और मैं मुसलमान भाईयो से भी पूछना चाहूंगा क्या वह अल्लाह को राजी कर लेंगे, के अल्लाह के घर को बनाने में हजारों बेगुनाहो का खुन बहाया गया हो. हरगिज तुम अल्लाह को राजी नहीं कर सकते, और नाही रामचंद्रजी को राजी कर सकते हो. ऐसी इबादत गाह को ना तो अल्लाह कुबूल फरमाते है, और नाही ऐसे मंदिर को रामचंद्रजी कुबूल फरमाएंगे. इसिलिए मै मेरे भारतवासी भाईयो से निवेदन करता हूं कि मंदिर और मस्जिद के नामपर लडना झगडना बंद कर दें. इस गंदी राजनीति को समझे अगर हम लडते है तो कभी भी किसी भी दंगे में किसी नेता को मरते हुए देखा है ? कभी किसी पंडित को मरते हुए देखा है? ये तो अपने अपने घरों में टिव्ही पर हमारे मौत के मंजर देखते हैं,तमाशे देखते हैं. के कैसे ये गरीब जनता मरती है, लढती है मंदिर मस्जिद के नामपर. और जो हमारे दुश्मन है देशद्रोही है वो हमे लढाकर हमारे देश को कमजोर करना चाहते हैं. हम लडेंगे तो उनको ताकत मिलेंगी, मतलब हमने खुद को कमजोर बना लिया है. मैं गुजारिश करता हूं खुदा के वास्ते, अपने रामचंद्रजी के वास्ते इस पाक जमीन के उपर कत्ल के तमाशे मत करो. नेताओं के बहकावे में मत आओ ये लोग अपनी सियासत में तुमें अपना मोहरा बनाते हैं. और तुम इनके मोहरे बनते हो. अगर तुम इनके मोहरे बनना बंद कर दोगे तो ये गंदी सियासत से हमको नहीं लढा पाएंगे. क्योंकि हम एक एरिया में रहते हैं, हम साथ में ट्रेन/बस में सफर करते हैं, एक साथ तिजारत करते हैं. क्या हम लोग चाहते हैं मुल्क के अंदर हिंदू/मुसलमान लढे ?…हरगिज नही चाहते. अगर नहीं चाहते तो इनकी गंदी सियासत को समझे और एक दूसरे में भाईचारगी कायम रखे.
#जाकिर_हुसैन